आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है. ज्योतिषी कहते हैं कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन-संपत्ति, सुख-शांति और वैभव का वरदान पाया जा सकता है
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इस दिन महर्षि वेदव्यासजी की भी पूजा की जाती है। क्योंकि उन्हें संसार का गुरु माना जाता है और इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है
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गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु को उच्च आसन पर बैठाएं. उनके चरण जल से धुलाएं और पोंछे.
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गुरु पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 13 जुलाई को सुबह 4 बजकर 1 मिनट से शुरू, गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त- 14 जुलाई रात 12 बजकर 6 मिनट तक